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What is Hydroponic Kheti | क्या होता है हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) ?

What is Hydroponic Kheti | क्या होता है हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) ?

What is Hydroponic Kheti | क्या होता है हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) ?

पानी में की जाने वाली खेती को हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) कहते हैं। दूसरे शब्दों में जिस खेती में मिट्टी की जरूरत नहीं होती या फिर नाममात्र की होती है और जिसे पानी में उगाया जा सकता है, उसे हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) खेती कहते हैं। हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) खेती की यह तकनीक अब तेजी से लोगों के बीच पोपुलर हो रही हैं। इसमें फसल को परंपरागत के बजाय आधुनिक तरीके से किया जाता है।
 Hydroponic Kheti

हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) खेती कैसे की जाती है
इस तकनीक में फसल के लिए पानी का स्तर उतना ही रखा जाता है जितना फसल को जरूरी होता है। इसमें पानी की सही मात्रा और सूरज की रोशनी से पौधे के पर्याप्त पौषक तत्व मिल जाते हैं।
हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) खेती में मिट्टी की जगह पानी ले लेता है, लेकिन पानी ऐसा होना चाहिए जिसमें मिट्टी वाले पोषक तत्व हो। जैसे कि खारा पानी नहीं होना चाहिए।
पोषक तत्वों को रखने के लिए एक पोषण टैंक चाहिए होता है
पोषक तत्वों को पौधों तक भेजने के लिए एक पंप
पौधों की जड़ों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पोषक तत्व
एक चैनल जिससे पोषक तत्व को क्यारी या नाली बनाकर पौधो तक भेजा जा सके
बचे हुए पोषक तत्व दोबारा टैंक में वापस भेजे जा सकें।
जड़ों को सपोर्ट चाहिए – हाइड्रोपेनिक्स तकनीक में आमतौर पर बजरी, प्लास्टिक या बालू का इस्तेमाल पौधों की जड़ों को सपोर्ट देने के लिए होता है।
पोषक तत्वों की जरूरत – परंपरागत तरीके से खेती करने पर जमीन में जैविक पदार्थ डालकर पोषक तत्व बढ़ाए जाते हैं, लेकिन हाइड्रोपेनिक्स के जरिए खेती करने के लिए पानी के अंदर पोषक तत्वों को संतुलित मात्रा में मिलाया जाता है।
ऑक्सीजन की पूर्ति – मिट्टी में जब खेती की जाती है तब पौधे को ऑक्सीजन मिट्टी से ही मिलती है, लेकिन हाइड्रोपेनिक्स तकनीक में पानी से पौधे ऑक्सीजन लेकर बड़े होते हैं। ये ठीक उसी तरह से हैं जैसे घर में बनी मछलीघर में मछलियां, टैंक के अंदर ही पानी से ऑक्सीजन लेती हैं।
Hydroponic Kheti
पानी की सीधी सप्लाई – मिट्टी में खेती करने पर पौधों को अपनी जड़ों के प्रसार के लिए मिट्टी से ही पानी लेकर बड़ा होना होता है लेकिन हाइड्रोपेनिक्स में इनको पानी की सीधी सप्लाई की जाती है।
हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) खेती के फायदे क्या क्या हैं
इस तकनीक से खेती करने से पोषक तत्व बर्बाद होने के बजाय पूरी तरह से फसल के लिए इस्तेमाल हो जाते हैं।
इसमें परंपरागत खेती की तुलना में कम पानी की जरूरत पड़ती है।
पानी का पीएच स्तर इस तकनीक में कन्ट्रॉल किया जाता है। इसलिए पौधे का विकास तेजी से और संतुलित तरीके से होता है। नतीजा, फसल से अधिक ऊपज मिलती है।
हाइड्रोपेनिक्स तकनीक के कारण खेती के सिस्टम को ऑटोमैटिक तरीके से चलाया जा सकता है।
परंपरागत खेती की तुलना में इसमें कम जगह में काम हो जाता है।
हाइड्रोपेनिक्स में उत्पाद की क्वालिटी ज्यादा अच्छी होती है।
अगर ग्रीन हाउस तकनीक का इस्तेमाल साथ में किया जाता है, तो हाइड्रोपेनिक्स से और भी ज्यादा अच्छे नतीजे मिल सकते हैं।
#Source : DesiKheti Facebook

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